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Writer's pictureNavin-सब कुछ नाटक है !!

सब कुछ नाटक है -हास्य व्यंग्य (On the Lighter Side)



ये नफ़रत का नग़मा है, दुखों की रवानी है, ज़िन्दगी और कुछ भी नहीं, तेरी मेरी बर्बादी की कहानी है।


कुछ खोना ही खोना है, कुछ खोकर फिर खोना है,


जीवन का मतलब तो पिटना और पिटाना है, दो पल के जीवन से एक दूसरे का चैन चुराना है, ज़िन्दगी और कुछ भी नहीं, तेरी मेरी बर्बादी की कहानी है, ये नफ़रत का नग़मा है।


तू धार छुरी की है, मैं बकरा बेचारा हूँ न तू मेरा सहारा है, न मैं तेरा सहारा हूँ आखों में घुटन सी है, और दुखों का पानी है ज़िन्दगी और कुछ भी नहीं, तेरी मेरी बर्बादी की कहानी है, ये नफ़रत का नग़मा है।


तूफ़ान को आना है, आकर यहीं रुक जाना है, बादल है ये हर पल का, सब कुछ ढ़ल जाना है, परछाइयां मार की रह जाती हैं, रह जाती बदन पे निशानी है, ज़िन्दगी और कुछ भी नहीं, तेरी मेरी बर्बादी की कहानी है, ये नफ़रत का नग़मा है। 🤣 

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